मरे हुए लोग अब हो सकेंगे फिर से जिंदा। आपने सही सुना है अब मरे हुए लोगो को एक बार फिर से जिंदा किया जा सकता है। वो भी बिल्कुल आसान तरीके से। आपने कई लोगो के बारे में सुना होगा जो मरने के बाद जिंदा हो गए होंगे। कुछ लोग इसे चमत्कार मानते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे यमराज तथा व्यक्ति के भाग्य से भी जोड़ते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की विज्ञान ने इसके पीछे का कारण ढूंढ लिया है और मरे हुए व्यक्ति को एक बार फिर से जिंदा करने की तकनीक का भी खुलासा किया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि 40 प्रतिशत अकस्माक कार्डियक के मामलों में सीपीआर-10 के जरिए पीडि़त को होश में लाया जा सकता है और बिजली के झटके वाली मशीन के जरिए इसे 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार जैसे ही दिल का दौरा पड़े, पीडित व्यक्ति के पास खड़े किसी आदमी को तुरंत उसकी छाती को दबाना शुरु कर देना चाहिए। इस दौरान 10 मिनट के अंदर कम से कम 10 मिनट के लिए छाती के बीचों बीच 10 गुना 10 यानी 100 बार प्रति मिनट की रफ्तार से दबाते रहें। लोगों को सब्र रखना चाहिए और छाती दबाना तब तक रोकना नहीं चाहिए, जब तक सामने वाला होश में न आ जाए। ऐसा करना तभी बंद करें जब मरीज खुद सांस लेने लगे या एंबुलेंस आ जाए। शुरुआती कुछ सैंकड में ही इस तकनीक के इस्तेमाल से 90 फीसदी मरीजों को बचाया जा सकता है।
अकस्मात दिल का दौरा पड़ने से देश भर में हर साल लगभग 25 लाख लोगों की मौत होती है। उन्होंने बताया कि अचानक आने वाले हार्ट अटैक से बचने के लिए हर आदमी को हैंड्स ओनली सीपीआर-10 तकनीक सीखनी चाहिए। यह सीखने में बहुत आसान होती है और सरल हैंड्स ओनली सीपीआर-10 में मुंह से मुंह में सांस देने की जरूरत नहीं होती।
डॉक्टरों के अनुसार जैसे ही दिल का दौरा पड़े, पीडित व्यक्ति के पास खड़े किसी आदमी को तुरंत उसकी छाती को दबाना शुरु कर देना चाहिए। इस दौरान 10 मिनट के अंदर कम से कम 10 मिनट के लिए छाती के बीचों बीच 10 गुना 10 यानी 100 बार प्रति मिनट की रफ्तार से दबाते रहें। लोगों को सब्र रखना चाहिए और छाती दबाना तब तक रोकना नहीं चाहिए, जब तक सामने वाला होश में न आ जाए। ऐसा करना तभी बंद करें जब मरीज खुद सांस लेने लगे या एंबुलेंस आ जाए। शुरुआती कुछ सैंकड में ही इस तकनीक के इस्तेमाल से 90 फीसदी मरीजों को बचाया जा सकता है।
अकस्मात दिल का दौरा पड़ने से देश भर में हर साल लगभग 25 लाख लोगों की मौत होती है। उन्होंने बताया कि अचानक आने वाले हार्ट अटैक से बचने के लिए हर आदमी को हैंड्स ओनली सीपीआर-10 तकनीक सीखनी चाहिए। यह सीखने में बहुत आसान होती है और सरल हैंड्स ओनली सीपीआर-10 में मुंह से मुंह में सांस देने की जरूरत नहीं होती।
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